रविवार, 13 नवंबर 2011

बाल-मंदिर: पानी बरसे झम -झम -झम .

बाल-मंदिर: पानी बरसे झम -झम -झम .: बाल कविता : डा, महेंद्र भटनागर पानी बरसे झम -झम -झम . आगे-आगे गर्मी भागे हँस-हँस गाने गाएँ हम . पानी बरसे झम -झम -झम . मेढक बोलें...